बरनौली समीकरण व्युत्पन्न करने में हमने नली में भरे तरल पर किए गए कार्य को तरल की गतिज तथा स्थितिज ऊर्जाओं में परिवर्तन के बराबर माना था ।
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बरनौली समीकरण व्युत्पन्न करने में हमने नली में भरे तरल पर किए गए कार्य को तरल की गतिज तथा स्थितिज ऊर्जाओं में परिवर्तन के बराबर माना था । (a) यदि क्षयकारी बल उपस्थित है, तब नली के अनुदिश तरल में गति करने पर दाब में परिवर्तन किस प्रकार होता है ? (b) क्या तरल का वेग बढ़ने पर क्षयकारी बल अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं ? गुणात्मक रूप में चर्चा कीजिए ।

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(a) क्षयकारी बलों की उपस्थिति में द्रव-दाब द्रव की गति की दिशा में घटता जाता है, क्योंकि नली में द्रव को प्रवाहित कराने के लिये कुछ दाब ऊर्जा क्षयकारी बलों के विरुद्ध कार्य करने में व्यय हो जाती है । -

(b) हाँ। तरल का वेग बढ़ने पर क्षयकारी बल अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं, क्योंकि क्षयकारी बल प्रवाह-वेग के अनुक्रमानुपाती होते हैं।

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