किसी देश के सामान्य निवासियों द्वारा अपनी भौगोलिक सीमा (Geographical Limit) के अंतर्गत एक लेखा वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को कुल घरेलू उत्पाद (Total Domestic Product) कहा जाता है। इसे सकल घरेलू उत्पाद भी कहा जाता है।
इसमें देश के नागरिकों तथा गैर-नागरिकों के अंशदान को शामिल किया जाता है। साथ ही इसका मापन राष्ट्रीय सांख्यिकीय एजेंसी द्वारा किया जाता है। यह किसी भी देश के जीवन-स्तर का एक संकेतक होता है।