मेजनी साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था। वह राष्ट्रवादियों द्वारा गठित कार्बोनरी दल का सदस्य था।
सन् 1830 ई० के फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव से इटली अछूता नहीं रहा। मेजनी ने इन नागरिक आंदोलन का उपयोग करते हुए उत्तरी और मध्य इटली में एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख द्वारा इन राष्ट्रवादी नागरिक आंदोलनों को दबा दिया गया और मेजनी को इटली से पलायन करना पड़ा।
सन् 1848 ई० में जब फ्रांस सहित पूरे यूरोप में क्रांति का दौर आया तो मेटरनिख को भी अन्ततः आस्ट्रिया छोड़ना पड़ा। इसके बाद इटली की राजनीति में पुनः मेजनी का आगमन हुआ। किंतु आस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में हुए जनवादी आंदोलन को कुचल दिया गया । इस.प्रकार मेजनी की पुनः हार हुई और वह पलायन कर गया।