भारत में संघात्मक सरकार (Federal Government) है, परंतु केंद्र सरकार को ही अधिक शक्तिशाली बनाया गया है।
कानून बनाने के विषयों को तीन सूचियों में बाँट दिया गया है- संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची। समवर्ती सूची पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को कानून बनाने का अधिकार है।
परंतु एक ही विषय पर दोनों सरकारों द्वारा कानून बन जाने पर केंद्र सरकार (Central Government) की कानून को ही मान्यता दी जाती है।
तीन सूचियों में से बचे विषयों पर भी केंद्र सरकार ही कानून बनाती है। अनेक परिस्थितियों में राज्य सूची पर भी केंद्र सरकार कानून बना सकती है। संकटकाल की स्थिति में केंद्र सरकार और शक्तिशाली हो जाती है।
राज्यपाल (Governor) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है और वह केंद्र सरकार के अभिकर्ता के रूप में काम करता है। इस तरह, केंद्र अधिक शक्तिशाली है।