अपने शिलालेखों में अशोक सामान्यता प्रियदर्शी (Priyadarshi) नाम से जाने जाते हैं, अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प (a) सही होगा ।
अशोक के अभिलेखों में सर्वत्र उसे देवानांपिय, देवानांपियदसि , (देवताओं का प्रिय अथवा देखने में सुंदर = देवनाम् प्रियदर्शी) तथा राजा आदि की उपाधियों से संबोधित किया गया है। पुराणों में उसे 'अशोकवर्धन' कहा गया है।