तीव्रता एवं प्रयुक्तता के आधार पर आयनीय विकिरण कर्क रोग उत्पन्न कर सकता है तथा उसका उपचार भी करता है।
आयनीय विकिरण दोहरी भूमिका का निर्वहन करता है।
एक तरफ यह कई क्षेत्र जैसे स्वास्थ्य, अनुसंधान, विनिर्माण आदि में बेहतरी प्रदान करता है।
वहीं इसके अधिक प्रयोग से बहरापन, कैंसर आदि जैसी समस्याएं भी होते हैं।