अप्रैल, 1936 में लखनऊ में अखिल भारतीय किसान कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसका नाम बदलकर अखिल भारतीय किसान सभा कर दिया गया। बिहार प्रांतीय किसान सभा के लड़ाकू संस्थापक स्वामी सहजानन्द सरस्वती (Swami Sahajanand Saraswati) इसके अध्यक्ष और,
आन्ध्र में किसान आंदोलन के अगुआ तथा कृषि क्षेत्र की समस्याओं के विद्वान एन.जी. रंगा महासचिव चुने गए।
फैजपुर में कांग्रेस सत्र के साथ अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का भी दूसरा सत्र चला जिसकी अध्यक्षता एन.जी. रंगा ने की।