कांग्रेस के हरिपुरा (गुजरात) अधिवेशन की अध्यक्षता सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) ने फरवरी 1938 ई० में की थी। यह कांग्रेस का बावनवाँ अधिवेशन (52nd Session) था।
वे दूसरी बार 1939 ई० में त्रिपुरी (मध्य प्रदेश) कांग्रेस अधिवेशन में गांधी जी के विरोध के बाद भी अध्यक्ष पद के लिए चुन लिए गए जिन्होंने पट्टाभि सीतारमैय्या को पराजित किया था।
पट्टभि सीतारामैय्या पराजय के बाद गांधी जी ने कहा कि पट्टाभि सीतारमैय्या की हार मेरी हार है।