संविधान में अन्य देशो से उधार लेने की विशेषताओं की आलोचना करते हुए किसने कहा था "संविधान के मौलिक विचारों के संदर्भ में किसी को भी कोई विशेष अधिकार नहीं है"?
54 views
6 Votes
6 Votes

संविधान में अन्य देशो से उधार लेने की विशेषताओं की आलोचना करते हुए किसने कहा था "संविधान के मौलिक विचारों के संदर्भ में किसी को भी कोई विशेष अधिकार नहीं है"? Sanvidhan Mein Anya Deshon Se Udhar Lene Ki Visheshtaon Ki Aalochana Karte Hue Kisne Kaha Tha "Samvidhan Ke Maulik Vicharon Ke Sandrabh Mein Kisi Ko Bhi Koi Vishesh Adhikar Nahin Hai"?

1 Answer

0 Votes
0 Votes
 
Best answer

संविधान में अन्य देशों से उधार लेने की विशेषताओं आलोचना करते हुए, डॉ भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने कहा था, कि "संविधान के मौलिक विचारों के संदर्भ में किसी को भी कोई विशेष अधिकार नहीं है।"

भारतीय संविधान सभा का निर्माण कैबिनेट मिशन (Cabinet Mission) के प्रस्ताव पर हुआ।

  • भारतीय संविधान सभा (Indian Constituent Assembly) द्वारा भारत का संविधान बनाया गया। 
  • भारतीय संविधान के निर्माताओं ने लगभग 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया।
  • भारतीय संविधान (Indian Constitution) पर यह आरोप लगाया जाता है कि भारत का संविधान विदेशों के संविधान से उधार लिया गया है।
  • भारत शासन अधिनियम-1935 (Indian Government Act-1935) का निर्माण ब्रिटिश संसद द्वारा किया गया था।
  • भारतीय संविधान का 2/3 भाग से अधिक भारत शासन एक्ट-1935 से लिया गया है।
  • भारतीय संविधान पर विभिन्न देशों के संविधान का प्रभाव है। इस विषयों पर डॉ. भीमराव अम्बेडकर का मानना है, कि मौलिक विचारों पर सबका एक समान अधिकार है विशेष अधिकार किसी को नहीं है।

RELATED DOUBTS

Peddia is an Online Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Boards & Competitive Exams Like IIT-JEE, NEET, AIIMS, AIPMT, SSC, BANKING, BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Exams.
If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]

CATEGORIES