राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन 6 अगस्त, 1952 को सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा गैर-संवैधानिक निकाय के रूप में किया गया।
इसके अध्यक्ष व सचिव वही होते हैं जो योजना आयोग के होते हैं अर्थात प्रधानमंत्री ही इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं।
केंद्रीय मंत्री परिषद के सदस्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्री (chief minister) और संघ शासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं।
इसका उद्देश्य नियोजन के लिए योजना आयोग एवं राज्यों के बीच सहयोग स्थापित करना है।
इसका कार्य योजना आयोग द्वारा तैयार योजना के प्रारूप को अंतिम रूप देना समय-समय पर उसका मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय महत्व की नीतियों की समीक्षा करना है।