शीतलन दर निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है—
(i) विकिरणकारी सतह की प्रकृति जो कि उत्सर्जक है
(ii) वस्तु के सतह पर
(iii) वस्तु के सतह के द्रव्यमान पर
(iv) विकिरणकारी वस्तु की विशिष्ट ऊष्मा पर
(v) विकिरणकारी वस्तु के तापमान पर
(vi) ऐसे वस्तु के आस-पास (परिवेश) के तापमान पर
किसी पदार्थ के शीतलन (Cooling) से संबंधित नियम न्यूटन ने दिया था। इस नियम को न्यूटन का शीतलन नियम के नाम से जाना जाता है। वस्तु जैसे-जैसे ठंडी होती जाती है, उसके ठंडे होने की दर घटती जाती है।
- ठोस में ऊष्मा का संचरण चालन विधि द्वारा होता है।
- द्रवों और गैसों में ऊष्मा का संचरण संवहन विधि द्वारा होती है।