(i) चालक का आकार (Size of the Condutor) – चालक का आकार बढ़ाने पर उसकी धारिता बढ़ जाती है। छोटे चालक की धारिता कम तथा बड़े चालक की अधिक होती है।
(ii) चालक की आकृति (Shape of the Conductor ) – चालक का आकार समान रखते हुए उसकी आकृति बदलने पर उसकी धारिता भी बदल जाती है, क्योंकि आकृति बदलने से चालक का विभव बदल जाता है।
(iii) चालक के समीपवर्ती माध्यम की प्रकृति (Nature of Medium Surrounding the Conductor) — आवेशित चालक का विभव चालक के समीपवर्ती माध्यम पर निर्भर करता है, अतः चालक की धारिता भी चालक के समीपवर्ती माध्यम पर निर्भर करती है।
माध्यम की आपेक्षिक विद्युतशीलता जितनी अधिक होती है, चालक का विद्युत विभव उतना ही कम तथा धारिता उतनी ही अधिक होती है।
(iv) चालक के पास अन्य चालकों की उपस्थिति (Neighbourhood of other Conductors) — आवेशित चालक के पास एक अन्य अनावेशित चालक लाने पर आवेशित चालक का विभव कम हो जाता है, फलस्वरूप उसकी धारिता बढ़ जाती है ।