इस योजना (Scheme) में गरीबी निर्देशांक अर्थात ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रतिदिन का उपभोग गरीबी रेखा के रूप में परिभाषित किया गया।
इस योजना के प्रमुख मुद्दे थे, ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सामाजिक आधारभूत संरचना पर बल, लक्ष्य समूह प्रस्ताव की शुरुआत, राष्ट्रीय आय में वृद्धि प्रौद्योगिकी (Technology) की आधुनिकीकरण आदि।