इंदिरा गांधी। Indira Gandhi
लगभग 2 दशकों तक विश्व की राजनीतिक पटल पर अभूतपूर्व रूप से छायी हुई व्यक्तित्व इन्दिरा गाँधी (Indira Gandhi) भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawahar Lal Nehru) की इकलौती पुत्री थीं।
सन् 1917 में इलाहाबाद में इन्दिरा गाँधी का जन्म हुआ। उनकी मृत्यु उनके ही दो सुरक्षा कर्मियों द्वारा गोली चलाने से 31 अक्टूबर 1984 को हो गयी।
मोतीलाल नेहरू की पौत्री, कमला नेहरू की पुत्री एवं प्रखर वक्ता, पत्रकार फिरोज गाँधी की पत्नी, राजीव गाँधी एवं संजय गाँधी की माँ ने भारत की राजनीतिक आंदोलन में एक अद्भुत कार्य किया।
परिवार जनों द्वारा स्वतन्त्रता संग्राम (Freedom Struggle) में भाग लेने से अधिकांश समय जेल में रहने के कारण वे एकाकीपन में रहने की अभ्यस्त हो गयी थीं।
12 वर्ष की आयु में ही उन्होंने इन्दिरा बानर सेना का गठन किया था।
इस परिवेश में पलने के कारण उनमें राजनीतिक कूद के सहज गुण आना स्वाभाविक था।
उन्होंने सन् 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जेल यात्रा भी की। सन् 1955 में वे कांग्रेस कार्यकारिणी की सदस्या बनाई गयीं। 1955 में कांग्रेस पार्टी (Congres Party) की अध्यक्ष बनीं।
27 मई 1964 को उनके पिता व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के निधन के पश्चात् जून 1964 में उन्हें लाल बहादुर शास्त्री को मन्त्रिमण्डल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में सम्मिलित कर लिया।
लाल बहादुर शास्त्रीजी की मृत्यु के पश्चात् 24 जनवरी 1966 को श्रीमति इन्दिरा गाँधी ने देश के प्रथम महिला प्रधानमंत्री (First Women Prime Minister) बनने का गौरव प्राप्त किया।
सन् 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया तथा सन् 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को हराकर बंगलादेश (Bangladesh) नामक स्वतन्त्र राष्ट्र बना दिया।
इस घटना से वे विश्व राजनीति में निर्विवादित साहसी, कूटनीतिक महिला गिनी जाने लगीं।
25 जून 1975 में आपातकाल की घोषणा के पश्चात उनकी पार्टी तथा वे स्वयं अत्यन्त अलोकप्रिय हो गयीं तथा स्वयं एवं पार्टी को 1977 के आम चुनाव में पराजय का मुँह देखना पड़ा।
सन् 1980 में वे पुनः भारत की प्रधानमंत्री चुनी गयीं। उन्होंने सन् 1980 में 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया।
4 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर परिसर (Golden Temple Campus) में सैनिक कार्यवाही के फलस्वरुप सिक्ख धर्म से सम्बन्धित कुछ लोग उनसे अत्यन्त असन्तुष्ट हो गये थे।
इस कार्यवाही का नाम आपरेशन ब्लू स्टार (Blue Star) दिया गया था। इस आपरेशन के पश्चात् वातावरण अति उग्र बन गया तथा धार्मिक उन्माद में दो सुरक्षा कर्मियों ने प्रधानमंत्री के शरीर को गोलियों से छलनी कर डाला।