इस के समय में जिले के समस्त अधिकार कलेक्टर के हाथों में दे दिए गए।
इसने भारतीय न्यायधीश से युक्त जिला फौजदारी अदालतों को समाप्त कर उसके स्थान पर चार भ्रमण करने वाली अदालतें जिनमें तीन बंगाल के लिए और एक बिहार के लिए नियुक्त की।
कॉर्नवालिस ने 1793 ईस. मे प्रसिद्ध कॉर्नवालिस कोड का निर्माण करवाया जो शक्तियों के पृथक्करण सिद्धांत पर आधारित था।
पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस अधिकार प्राप्त जमींदारों को इस अधिकार से वंचित कर दिया।
कंपनी के कर्मचारियों को व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया
जिला में पुलिस थाना की स्थापना कर एक दरोगा को इस का इंचार्ज बनाया।
भारतीयों के लिए सेना में सूबेदार ,जमादार प्रशासनिक सेवा में मुंसिफ ,सदर ,अमीन ,डिप्टी कलेक्टर से ऊंचा पद नहीं दिया जाता था।