प्रकाश-वैद्युत प्रभाव की व्याख्या केवल यह मानकर की जा सकती है कि प्रकाश – Prakash Vidyut Prabhav Ki Vyakhya Keval Yah Mankar Li Ja Sakti Hai Ki Prakash
(A) अनुप्रस्थ तरंगों का एक रूप है।
(B) अनुदैर्ध्य तरंगों का रूप है।
(C) को ध्रुवित किया जा सकता है।
(D) में क्वांटा होते है।