सामान्य रूप से यह देखा जाता है, कि बालक में पर्यावरण (Environment) के प्रति क्रियाशीलता की प्रवृत्ति (Tendency) पायी जाती है। वह विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय वस्तुओं के साथ क्रियाशील रहने का प्रयास करता है।
जैसे : घर पर छोटे-छोटे पेड़-पौधे लगाना, भैंस या गाय के बच्चे से खेलना तथा माता-पिता के कार्यों में सहयोग प्रदान करना आदि।
इन सभी कार्यों से उनको एक विशेष प्रकार का अनुभव होता है। इस क्रियाशीलता (Productivity) के आधार पर ही वह पर्यावरण के बारे में समझ निर्मित करता है।