भारतीय संविधान के अनुच्छेद (धारा) 32 के प्रावधानों के तहत देश का कोई भी व्यक्ति मूलभूत अधिकारों के हनन का मामला सीधे उच्चतम न्यायालय में उठा सकता है। यह व्यक्ति का मूल अधिकार है और इसे सांविधानिक उपचारों के अधिकार' के नाम से जाना जाता है।
अतः उपरोक्त सभी विकल्पों में से विकल्प (a) सही होगा।