उच्चतम न्यायालय के बारे में अपनी जानकारी लिखें। Uchhtam Nyayalay Ke Bare Mein Apni Jankari Likhen.
21 views
0 Votes
0 Votes

उच्चतम न्यायालय के बारे में अपनी जानकारी लिखें। Uchhtam Nyayalay Ke Bare Mein Apni Jankari Likhen.

1 Answer

0 Votes
0 Votes
 
Best answer

संगठन (Composition) संविधान के अनुसार इसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा जब तक संसद कानून द्वारा इस संख्या को बढ़ा नहीं दे, अधिक-से-अधिक सात अन्य न्यायाधीश हो सकते हैं। संसद इस संख्या को घटा नहीं सकती, उसे केवल बढ़ाने का अधिकार है। लेकिन उच्चतम न्यायालय के कानून 1956 ई० के द्वारा संसद के अन्य न्यायाधीशों की अधिक-से-अधिक संख्या दस कर दी गई थी। 1960 ई० में संसद में एक दूसरा कानून बनाकर इस संख्या को तेरह कर दिया। अब मुख्य न्यायाधीश के सहित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या 16 हो गयी है।न्यायाधीशों की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा होती है। नियुक्ति पूर्व राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में इस न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के उन न्यायाधीशों से, जिनका परामर्श वह आवश्यक समझेगा, सलाह लेगा। लेकिन वह इस परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है। अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश का परामर्श अवश्य लेता है। व्यवहार में न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति स्वयं नहीं करता, मंत्रिमंडल की राय के अनुसार उसे नियुक्ति करनी पड़ती है  न्यायाधीशो की योग्यताएँ का होना आवश्यक है उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों में निम्नांकित योग्यताओं -

(1) वह भारत का नागरिक हो ।

(2) वह किसी उच्च न्यायालय अथवा ऐसे दो या दो से अधिक उच्च न्यायालय में लगातार कम-से-कम 5 वर्ष तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो । या, किसी उच्च न्यायालय में लगातार 10 वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो ।

या, राष्ट्रपति के विचार में पारंगत विधिवेत्ता हो।

संविधान में यह स्पष्ट रूप से लिखित है कि सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी न्यायाधीश भारत के क्षेत्र के अन्तर्गत किसी न्यायालय अथवा किसी अन्य पदाधिकारी के न्यायालय में वकालत नहीं कर सकता है और न वह किसी न्यायालय में किसी अन्य रूप में कार्य कर सकता है।

उच्चतम न्यायालय के अधिकार एवं कार्य यह देश का सबसे बड़ा और अंतिम न्यायालय है। भारत राज्य - क्षेत्र के सभी न्यायालय उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधियों तथा आज्ञा पालन मानने के लिए बाध्य है। संविधान की धारा 129 के अनुसार इसके सभी निर्णय तथा कार्यवाहियाँ रेकार्ड के रूप में सुरक्षित रहेंगी तथा प्रमाणित समझी जायेंगी । इस तरह से यह एक अभिलेख न्यायालय है। इन अभिलेखों की सत्यता को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।अध्ययन के दृष्टिकोण से इसके क्षेत्राधिकार को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है। यथा -(1) प्रारम्भिक (Original) (2) अपीलीय (Appellate ) (3) परामर्श-संबंधी (Advisiory ) (4) आवृत्ति- संबंधी ( Revisional ) (5) निरीक्षण तथा प्रशासकीय ( 6 ) अन्य अधिकार | उच्चतम न्यायालय अपने काम के संबंध में किसी व्यक्ति को अदालत में उपस्थित होने या कोई कागज आदि पेश करने को बाध्य कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति न्यायालय को अपमानित करे, तो उस व्यक्ति को इस न्यायालय से दण्ड भी मिल सकता है। उच्चतम न्यायालय के परामर्श पर ही राष्ट्रपति लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य को उनके पद से हटा सकता है। भारत के उच्चतम न्यायालय का अधिकार अपने चरित्र और विस्तार में राष्ट्रमंडल के किसी भी देश के उच्चतम न्यायालय और अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के अधिकार से अधिक है। उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण कार्य यह है कि नागरिकों के जिन मूलभूत अधिकारों का संविधान में प्रतिपादन किया गया है, वह उनकी रक्षा करे । इसलिए वह नागरिकों के मूल अधिकारों के अपहरण होने पर विभिन्न तरीकों से उन्हें रक्षा प्रदान करता है।

RELATED DOUBTS

Peddia is an Online Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Boards & Competitive Exams Like IIT-JEE, NEET, AIIMS, AIPMT, SSC, BANKING, BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Exams.
If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]

CATEGORIES