जब कोई प्रकाश की किरण किसी सघन माध्यम (Dense Medium) से, सघन व विरल माध्यम के पृथक्कारी तल पर आपतित (Incident) होकर उसी माध्यम (सघन) में पूर्णत: परावर्तित हो जाती है, तो इस घटना को पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total Internal Reflection) कहते हैं।
इस घटना के लिए निम्न प्रतिबन्ध आवश्यक हैं :
- प्रकाश सघन से विरल माध्यम में आपतित होना चाहिए।
- आपतन कोण का मान क्रान्तिक कोण से अधिक होना चाहिए।
उदाहरण : काँच में पड़ी दरारों का चमकना, पानी में डूबी काँच की नली का चमकना, हीरे का चमकना, रेगिस्तान की मरीचिका, जल में वायु के बुलबुले का चमकीला दिखाई देना आदि घटनाएँ प्रकाश के पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Purn Aantrik Paravartan) पर ही आधारित हैं।