शैथिल्य पाश क्या है ? इसकी सहायता से 'धारणशीलता' एवं 'निग्राहिता' को समझाइए।
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शैथिल्य पाश क्या है ? इसकी सहायता से 'धारणशीलता' एवं 'निग्राहिता' को समझाइए। Or, Shaithilya Pass Kya Hai? Iski Sahayta Se Dharanshilta Evam Nigrahita Ko Samjhaen 

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शैथिल्य पाश (Shaithilya Pass) : चुम्बकन तीव्रता का चुम्बकन क्षेत्र का पीछे छूट जाने की क्रिया शैथिल्य कहलाता है।

शैथिल्य का प्रभाव यह होता है कि जब चुम्बकीय पदार्थ चुम्बकन वक्र से गुजरता है तो जितनी ऊर्जा खर्च होती है, उतनी ऊर्जा प्राप्त नहीं हो पाती है। ऊर्जा में यह कमी शैथिल्य ह्रास कहलाता है।

यह ऊर्जा पदार्थ में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। पदार्थ के प्रति एकांक आयतन तथा प्रति चक्कर के लिए शैथिल्य ह्रास शैथिल्य-वक्र के क्षेत्रफल के बराबर होता है।

  • धारणशीलता : जब चुम्बकीय बल घटकर शून्य हो जाता है, तब अवशिष्ट चुम्बकत्व का मान धारणशीलता कहलाता है।
  • निग्राहिता : निग्राहित उस व्युत्क्रम चुम्बकीय क्षेत्र का मान है जो चुम्बकीय पदार्थ पर इस तरह आरोपित किया जाता है ताकि वह अवशेष चुम्बकत्व को घटाकर शून्य कर दें।

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