सामान्य परिस्थितियों में पेट की आंतरिक परत को अम्ल की क्रिया से बलगम (Mucus) द्वारा बचाया जाता है।
अमाशय की गैस्ट्रिक ग्रंथियों से स्रावित होने वाले गैस्ट्रिक रस में HCI, पेप्सिनोजेन तथा गैस्ट्रिक लाइपेज होता है।
छोटी आँत के तीन भाग है—
(i) ग्रहणी (Duodenum)
(ii)जेजुनम (Jejunum)
(iii) इलियम (Ileum)
मनुष्य की छोटी आंत में असंख्य छोटे-छोटे उंगुलीनुमा प्रवर्ध पाए जाते है, जिन्हें विली या विलाई (Villi) कहा जाता है।