आकाशीय तरंगें (Aakashiy Tarange) : इस विधि में प्रेषित्र एण्टिना से रेडियो तरंगों को पृथ्वी तल से अल्प कोण बनाते हुए भेजा जाता है, जो क्षोभमण्डल से परावर्तित होकर अभिग्राही एण्टिना पर पहुँच जाती है।
इस विधि द्वारा लगभग 2000 किलोहर्ट्ज तक की आवृत्ति की रेडियो तरंगों को संचरित किया जा सकता है।