Ans : निक्षालन विधि में अयस्क चूर्ण को एक उपयुक्त विलायक में मिलाते हैं। विलायक में सिर्फ अयस्क घुलता है, अशुद्धियाँ नहीं।
उदाहरण के लिए, ऐलुमिनियम के अयस्क बॉक्साइट में Al2O3 के अतिरिक्त Fe2O3, SiO2 आदि अशुद्धियाँ उपस्थित रहती हैं।
इसके लिए, बॉक्साइट के चूर्ण को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के सांद्र विलयन के साथ 473–523 K पर निक्षालित करते हैं।
Al2O3 इस विलयन में घुलकर सोडियम ऐलुमिनेट (Na3AIO3) बनाता है। अशुद्धियाँ बिना घुले ही अवशिष्ट (residue) के रूप में रह जाती हैं, जिन्हें छानकर अलग कर लिया जाता है।
पुनः छनित विलयन में काफी जल डालकर उसमें थोड़ा तुरत का बनाया हुआ Al(OH)3 का अवक्षेप मिला देते हैं और 248 K से 323 K ताप पर खूब हिलाते हैं।
Na3AlO3 का जल-अपघटन होने से AI (OH)3 अवक्षेपित हो जाता है। इस अवक्षेप को छानकर सुखा लेते हैं। तत्पश्चात इसे गर्म करके शुद्ध Al2O3 प्राप्त करते हैं।