सन् 1989 ई० के चुनाव के बाद एक दल की सरकार का केंद्र में लगभग अंत हो गया। 1989 के चुनाव में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं मिला।
इस स्थिति में ऐसी सरकार बनी जिसमें राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार बनी जिसको बाहर से वामपंथी दलों व भाजपा का समर्थन रहा।
इस प्रकार से कई राजनीतिक दलों की मिली-जुली सरकारों को गठबंधन की सरकार कहते हैं।
भारत में 1989 के चुनाव के बाद यह स्थिति जारी है। गठबंधन सरकारों में क्षेत्रीय दलों की भूमिका बढ़ती जा रही है।