प्रायः उच्च पोषी स्तर के जीवो को अपनी आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए ज्यादा मात्रा में खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है।
अतः निचले पोषी स्तर पर जीवों की संख्या अधिक होती है। दूसरी और उत्पादक सौर ऊर्जा का ग्रहण करता है और भोजन का स्वयं संश्लेषण कर लेता है।
जिनसे उसे अधिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। जब हम किसी आहार श्रृंखला का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि उस पोषी स्तरो की जीवो में ऊर्जा की कम प्राप्ति होती है।
इसलिए उसकी संख्या कम होते चले जाती है अगर विभिन्न पोषक स्तर की जीवो की संख्या का अवलोकन किया जाए तो एक पिरामिड के समान आकृति बनती है जिसे संख्या का पिरामिड कहा जाता है।