संविधान निर्मात्री सभा का गठन कैबिनेट मिशन की व्यवस्थाओं के आधार पर हुआ। इसके सदस्यों को जुलाई, 1946 में ब्रिटिश प्रांतों की विधान सभाओं द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना गया।
कुल 296 सीटों में से काँग्रेस को 212, मुस्लिम लीग को 73 तथा अन्य 11 सीटें जीतीं। रियासतों से 93 सदस्यों को लिया जाना था।
इसमें व्यापारी, जमींदार, उद्योगपति, जागीरदार, बुद्धिजीवी, किसान आदि थे। यह भारत की एक लघु झाँकी प्रस्तुत करती थी।