वित्तीय संस्थाओं को प्रायः दो वर्गों में विभाजित किया गया है -
- मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाएँ
- पूँजी बाजार की वित्तीय संस्थाएँ
मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाएँ साख या ऋण का अल्पकालीन लेन-देन करती हैं।
भारतीय मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाओं में भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक एवं अन्य व्यावसायिक बैंक, सहकारी बैंक, भूमि विकास बैंक आदि प्रमुख हैं।
पूँजी बाजार की संस्थाएँ उद्योग और व्यापार की दीर्घकालीन साख की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
बड़ी कंपनियों एवं व्यावसायिक संस्थानों की दीर्घकालीन पूँजी का एक बड़ा भाग अंशपत्रों या हिस्सों के विक्रय से प्राप्त होता है तथा इनका क्रय-विक्रय पूँजी बाजार में ही होता है।