हमारी अर्थव्यवस्था में मुद्रा का स्थान 12 महत्वपूर्ण है। मुद्रा के प्रयोग से उपभोग, उत्पादन, विनिमय, वितरण तथा राजस्व अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है।
यह उपभोक्ताओं को अपनी सीमित आय के द्वारा अधिकतम संतोष प्राप्त करने में सहायता करती है। उत्पादकों को भी मुद्रा से अनेक लाभ हुए, हैं। मुद्रा के अभाव में बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव नहीं था।
आज मुद्रा विनिमय का सर्वमान्य साधन है तथा इसके प्रयोग से वस्तुओं का मूल्य-निर्धारण एवं क्रय-विक्रय का कार्य अत्यंत सरल हो गया है।
मुद्रा के रूप में सरकार को कर आदि लगाने में भी सुविधा होती है। इस प्रकार, मार्शल ने ठीक ही कहा है कि मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर संपूर्ण अर्थविज्ञान घूमता है।