सामान्य रूप से बालकों द्वारा पर्यावरणीय घटनाओं (Environmental Events) को मनोरंजन के रूप में स्वीकार किया जाता है। छात्र प्रत्येक वस्तु को सत्य रूप में स्वीकार करते हुए उसके साथ खेलने लगते हैं।
उदाहरणार्थ, बालक विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तुओं से खेलने लगता है, परन्तु जब उनकी वास्तविकता (Reality) से अवगत होता है, तो उनसे दूर होने का प्रयास करने लगता है।
जैसे : बालक बिच्छू (Scorpion) को देखता है, तो उससे खेलने का प्रयास करता है।
लेकिन जब बिच्छू द्वारा उसको डंक मार दिया जाता है, तो वह समझ जाता है, कि यह एक घातक जीव है, इससे दूर रहना चाहिये। इस प्रकार बालकों में पर्यावरण का प्रथम रूप मनोरंजनात्मक (Entertaining) होता है।