मुद्रण क्या है? What is Printing?
मुद्रण या छपाई एक ऐसी विधि है, जिसके द्वारा पाठ्य-सामग्री और चित्रों की अधिक संख्या में कागज पर प्रतियाँ तैयार की जाती हैं।
मुद्रण-कला का आविष्कार छठी शताब्दी में चीन में हुआ था।
लगभग 500 वर्ष बाद गतिशील टाइप (Movable Type) का आविष्कार भी चीन में ही हुआ। चीन से यह कला यूरोप के देशों में फैलनी शुरू हुई।
पन्द्रहवीं शताब्दी में जर्मनी के जोहांस गुटेनबर्ग (Johannes Gutenberg) ने यूरोप में मुद्रण-पद्धति को विकसित किया।
सन् 1476 में लन्दन में विलियम कैक्सटन (William Caxton) ने पहला प्रिण्टिंग प्रेस लगाया।
आरम्भ में एक-एक करके छपाई करने वाला प्लेटन प्रेस (Platen Press) का प्रयोग होता था। बाद में उसकी जगह रोटरी प्रेस (Rotary Press) ने ले ली, जो कागज के रोल को निरन्तर छापता रहता है।
जिस प्रिण्टिंग में गतिशील टाइप का इस्तेमाल होता है, उसे लेटर प्रेस (Letter Press) कहते हैं।
लिथोग्राफी (Lithography) में छपाई करने वाली प्लेट में चिकनी होती है।
पाठ्य सामग्री या चित्र को ग्रीज़ी सतह ( Greasy Layer) पर उतार लेते हैं। बाकी प्लेट ग्रीज़ - रिपेलिंग सामग्री (Grease-repelling Material) से ढकी रहती है।
जब प्लेट पर ग्रीज़ वाली स्याही लगायी जाती है, तो वह केवल ग्रीज़ वाले भागों में लगती है।
ऑफसेट प्रिण्टिंग लिथोग्राफी का ही एक परिष्कृत रूप है।
ऑफसेट मशीन में एक प्लेट सिलिण्डर, दूसरा ब्लैंकेट सिलिण्डर और तीसरा इम्प्रेशन सिलिण्डर होता है।
प्लेट सिलिण्डर से रबर पर इम्प्रेशन पड़ता है, और फिर कागज पर छपाई होती है।
ऑफसेट प्रिण्टिंग में छपाई बहुत सुन्दर एवं तीव्रता से होती है ।
कम्प्यूटर के आविष्कार ने मुद्रण कला को नया जन्म दिया है।
आजकल पाठ्य-सामग्री का सम्पादन, पृष्ठ का डिजाइन तथा प्रिण्टिंग कम्प्यूटर द्वारा सम्भव हो गयी है।
वर्ड प्रोसेसिंग (Word Processing) : वर्ड प्रोसेसर्स में कम्प्यूटर द्वारा किसी भी पाठ्य सामग्री, समाचार-पत्र या पुस्तक के अक्षर, आवश्यक आकार और डिज़ाइन में बहुत तेज़ी और आसानी से टाइप किये जा सकते हैं । वर्ड प्रोसेसर से इलेक्ट्रॉनिक पद्धति द्वारा आप अपने लिखे हुए मैटर को संपादित कर सकते हैं, शब्दों का क्रम और वाक्य, यहां तक कि किसी शब्द को निकाल सकते हैं, या जोड़ सकते हैं।
इसके लिए मैटर को दोबारा टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती। जो कुछ आप कीबोर्ड पर टाइप करते हैं वह टीवी स्क्रीन की तरह वीडियो डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit - VDU) पर ऑपरेटर को दिखाई देता है।
ऑपरेटर संपादन की (Editing Keys) और मूवेबल प्वाइंटर (Movable Pointer) का उपयोग करके टेक्स्ट में कोई भी परिवर्तन या संशोधन कर सकता है।
पाठ्य सामग्री वर्ड प्रोसेसर की स्मृति (Memory) में संचित हो जाती है, जिसे स्क्रीन पर देखकर सही ढंग से व्यवस्थित किया जा सकता है।
ऑपरेटर टेक्स्ट को स्थाई रूप से डिस्क (Disk) या टेप (Tape) पर संचित कर सकता है, जिसे बाद में आवश्यकता पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
वर्ड प्रोसेसर का सम्बन्ध एक इलेक्ट्रॉनिक प्रिण्टर (Electronic Printer) से होता है, जिसके द्वारा मेमोरी में संचित टेक्स्ट की टाइप कॉपी तैयार होकर निकलती है ।
वर्ड प्रोसेसर से टेक्स्ट को आवश्यकतानुसार पृष्ठों में सेट किया जा सकता है। पंक्ति की लम्बाई (Line Length) और स्पेसिंग (Spacing), इण्डेण्टेशंस (Indentations), मार्जिंस (Margins) आदि को इच्छानुसार सेट किया जा सकता है।
इसमें एक डिक्शनरी होती है, जिसके द्वारा टेक्स्ट के स्पैलिंग सही किये जा सकते हैं। समाचार (Newspaper) पत्र लाखों की संख्या में छपते हैं, जो विशाल मशीनों द्वारा छापे जाते हैं।
ऑफसेट प्रिण्टिंग द्वारा रंगीन कागज भी छापे जा सकते हैं।
आज की दुनिया में चार रंगों की पुस्तकें छापना आसान काम हो गया है। छपाई द्वारा हम अपने ज्ञान का एकत्रीकरण कर सकते हैं।
संसार में प्रिण्टिंग द्वारा करोड़ों पुस्तकें रोज ही छापी जाती हैं। जब इसे प्रिण्ट किया जाता है, तो मशीन अपने आप से टेक्स्ट को व्यवस्थित कर लेती है।
यदि कोई शब्द ज्यादा लम्बा है, और पंक्ति से बाहर निकल रहा है, तो वर्ड प्रोसेसर उसे दूसरी पंक्ति में लेकर पहली पंक्ति की स्पेसिंग ठीक कर लेता है। इसी प्रकार प्वाइण्ट के आकार आदि में भी परिवर्तन किया जा सकता है।