अग्नि (Agni) : अग्नि श्रेणी में पाँच प्रक्षेपास्त्र हैं: अग्नि-I, अग्नि-II, अग्नि-III अग्नि-IV एवं अग्नि-V | अग्नि जमीन से जमीन पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टक मिसाइल है। अग्नि-III की मारक क्षमता 3000 किमी से अधिक है एवं इसे 5000 किमी. तब बढ़ाया जा सकता है । पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले अग्नि-III (SL) का विकास भी किया जा रहा है। अग्नि-III को पाकिस्तान की हत्फ 3 तथा इजराइल की जेरिको - 2 की श्रेणी में रखा जा सकता है। अग्नि III परम्परागत तथा परमाणु दोनों प्रकार के विस्फोटकों को ले जाने की क्षमता रखती है। भारत ने 15 नवम्बर, 2011 को इंटरमीडिएट बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-IV का ओडिशा के ह्वीलर द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह प्रक्षेपास्त्र 3500 किमी. तक मार करने में सक्षम है। इसमें ठोस प्रणोदक के दो चरण और एक पेलोड है । इसमें दो स्तरीय हथियार प्रणाली है जो ठोस प्रणोदक से चलती है। यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। भारत द्वारा 19 अप्रैल, 2012 को अग्नि-V का सफल परीक्षण किया गया । इस परीक्षण के साथ भारत भी अंतरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र (ICBM) क्लब में शामिल हो गया जिसमें अब तक केवल पाँच सदस्य राष्ट्र - अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस तथा यूनाइटेड किंगडम शामिल थे। हालांकि 5500 किमी. से अधिक मारक दूरी को ही ICBM श्रेणी में माना जाता है लेकिन अग्नि-V की मारक दूरी इस अन्तर्राष्ट्रीय मानदंड से 500 किमी. कम है । अग्नि-V की जद में बीजिंग और शंघाई सहित अधिकांश चीन, पाकिस्तान, दक्षिण एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका के कुछ हिस्से आते हैं। अमरीका और ऑस्ट्रेलिया अग्नि-V की सीमा से बाहर है। इसमें सैटेलाइट प्रक्षेपण की क्षमता है। इससे अनेक छोटे-छोटे मिसाइलों को छोड़ा जा सकता है।
नोट: अग्नि-V सैटेलाइट रोधी मिसाइल है।