चावल : चावल एक उष्णकटिबन्धीय फसल है एवं भारत की मानसूनी जलवायु में इसकी अच्छी कृषि की जाती है। यह हमारे देश की मुख्य खाद्यान्न फसल भी है। गर्म एवं आर्द्र जलवायु की उपयुक्तता के कारण इसे खरीफ की फसल के रूप में उगाया जाता है। देश में खाद्यान्नों के अन्तर्गत आने वाले कुल क्षेत्र में 47% भाग पर चावल की कृषि की जाती है। भारत में विश्व के कुल चावल की कृषि की जाती है। भारत में विश्व के कुल चावल, उत्पादन का लगभग 21% चावल पैदा होता है। देश में चावल की तीन फसलें - अमन (शीतकालीन), औस (शरदकालीन) तथा बोरो (ग्रीष्मकालीन) पैदा की जाती है। -
गेहूँ : चावल के बाद गेहूँ ही देश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 10% भाग पर गेहूं की कृषि की जाती है, किन्तु चावल की अपेक्षा इसका प्रति हेक्टर उत्पादन भी अधिक है। इसकी अधिकांश कृषि सिंचाई के सहारे की जाती है।
हरित क्रान्ति का सबसे अधिक प्रभाव गेहूँ की कृषि पर ही पड़ा है। इसके सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा में हरित क्रांति के प्रयोगों से उच्च उत्पादकता तथा उत्पादन की मात्रा प्राप्त की गई है। उत्तर प्रदेश में दक्षिणी पर्वतीय एवं पठारी भूमि को छोड़कर सर्वत्र गेहूँ की कृषि की जाती है।
जौ : जौ की गणना यद्यपि मोटे अनाजों में की जाती है किन्तु यह भी देश की एक महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। यह सामान्यतया शुष्क एवं बलुई मिट्टी में बोया जाता है तथा इसमें शीत एवं नमी सहन करने की क्षमता भी अधिक होती है। इसका सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। बाजरा : बाजरा की गणना भी मोटे अनाजों में की जाती है और यह वास्तव में ज्वार से भी शुष्क परिस्थितियों में पैदा किया जाता है। इसकी खेती के लिए 40 से 50 सेमी. तक वर्षा तथा बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है। इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश में की जाती है। .
मक्का : हमारे देश के शुष्क भागों में मक्का का उपयोग प्रमुख खाद्यान्न के रूप में किया जाता है। इसके लिए लम्बा गर्मी का मौसम, खुला आकाश तथा अच्छी वर्षा आवश्यक होती है। देश में सर्वाधिक मक्के का उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है।
दालें : अरहर की कृषि देश के सभी भागों में की जाती है। इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार आदि ।
अन्य प्रकार की दालें भी देश में सर्वत्र कमोवेश पैदा की जाती है। वर्तमान समय में कुल मात्रा के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य हैं- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र तथा उड़ीसा । गन्ना : सम्पूर्ण विश्व के गन्ना उत्पादक देशों में भारत का प्रथम स्थान है और यहाँ विश्व का लगभग 40% गन्ना पैदा किया जाता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आन्ध्र प्रदेश देश के सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य हैं।
चाय : देश में चाय उत्पादन में असम का प्रथम स्थान है। असम से देश के कुल चाय उत्पादन का 50% भाग प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, कूचबिहार तथा जलपाईगुड़ी जिले, झारखण्ड के छोटानागपुर पठारी क्षेत्र, उत्तरांचल में गढ़वाल, कुमायूँ, नैनीताल तथा अल्मोड़ा जिलों के पहाड़ी ढ़ालों पर तथा हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में भी चाय पैदा की जाती है।
कपास : प्रायद्वीपीय पठारी भाग की लावा निर्मित काली मिट्टी के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक कपास उत्पादन किया जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात तथा पंजाब राज्य मिलकर देश के कुल उत्पादन का 55% से भी अधिक कपास का उत्पादन करते हैं।
जूट : जूट एक प्रमुख रेशेदार फसल है। देश के 71% जूट का उत्पादन अकेले पश्चिम बंगाल में किया जाता है।