बीजाणुजनन एकल जीवों में बहुतायत से पायी जाने वाली अलैंगिक जनन की विधि है।
इसके द्वारा एक साथ कई जीवाणु विकसित होते हैं जो बीजाणुधानी के फटने पर दूर-दूर तक उड़कर चले जाते हैं। वहाँ वे पुनः नये-नये जीवों को उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार इन जीवों की आबादी अचानक बढ़ती है तथा कुछ जीवाणुओं के नष्ट हो जाने पर भी स्पीशीज का अस्तित्व बना रहता है।