पर्यावरण अध्ययन में विभिन्न अवधारणाओं की समझ सम्मिलित होती है। पर्यावरण अध्ययन का उद्देश्य किसी आधारभूत ज्ञान के आधार पर कार्य करना, जिससे बच्चे में कार्य करने की क्षमता क विकास हो सके अर्थात् बच्चा किसी भी कार्य को कर सकने की योग्यता हासिल कर सके होता है। इसे ही कौशल कहा जाता है। मुख्य रूप से कौशल पर पकड़ बनाने के लिए सीखना और उसका क्रमबद्ध रूप से अभ्यास करना आवश्यक है।
इस आधार पर कहा जा सकता है कि किसी कौशल में निपुण होने के लिए बार-बार अभ्यास करना महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण-साइकल और कार चलाना एक दिन में नहीं सीखा जा सकता है इसके लिए निरन्तर अभ्यास करते रहने की आवश्यकता होती है। हर बार के प्रयास में कौशल पर थोड़ी-थोड़ी पकड़ हासिल होती जाती है। इस दौरान हम गलतियों से सीखते है एवं उनमें सुधार करते जाते हैं। कुछ प्रयासों के बाद हम उस कौशल में इतने पारंगत हो जाते हैं कि हमें वह कार्य बहुत सरल लगने लगता है।