फोटोग्राफ, ड्राइंग एवं वृत्तान्त भी पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के आकलन के लिये प्रमुख गतिविधियों या तरीकों के रूप में प्रयुक्त किये जा सकते हैं। चित्र बच्चों को विशेष रूप से प्रभावित करते हैं। यदि चित्र वास्तविक हों तो यह पर्यावरणीय अवधारणाओं का ज्ञान व्यापक एवं सार्थक रूप में प्रदान करते हैं। विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के वास्तविक फोटोग्राफ बच्चों को दिखाकर उनके सन्दर्भ में बच्चों के विचारों को जानना उनके पर्यावरणीय ज्ञान के आकलन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण सिद्ध होता है।
किसी स्थान के खनिज संसाधन के दोहन या बाँध पर बिजली निर्माण की प्रक्रिया के फोटोग्राफ बच्चों के समक्ष रखे जायें और इन पर उनके विचारों को जाना जाये। प्रत्येक छात्र फोटोग्राफों के आधार पर अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण करेगा जिससे उनके पर्यावरण ज्ञान का आकलन हो सकेगा। इसी प्रकार छात्रों के पर्यावरणीय ज्ञान के आकलन के लिये ड्राइंग का भी उपयोग किया जा सकता है।
छात्रों से विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों पर रेखाचित्र बनवाकर उनकी पर्यावरणीय समझ को स्पष्ट पहचाना जा सकता है। छात्रों को ड्राइंग के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण को प्रदर्शित करने के अवसर देने पर वह अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करेंगे और इस प्रकार पर्यावरणीय ज्ञान के सन्दर्भ में उनकी व्यक्तिगत जानकारी का आकलन हो सकेगा। छात्रों के इस प्रकार के आकलन के लिये उनसे वृत्तान्त भी लिखवाये जा सकते हैं या किसी तैयार वृत्तान्त का विश्लेषण करवाया जा सकता है। इस प्रकार उपर्युक्त तरीकों के माध्यम से बच्चों का सार्थक रूप से पर्यावरणीय ज्ञान के सन्दर्भ में आकलन किया जा सकता है।