चार दिन तक पलक................... टेकना नसीब न हो। Chaar Din Tak Palak...................Tekana Naseeb Na Ho.
Edited by
59 views
1 Vote
1 Vote

चार दिन तक पलक...................  टेकना नसीब न हो। Chaar Din Tak Palak...................Tekana Naseeb Na Ho.

Edited by

1 Answer

0 Votes
0 Votes

प्रस्तुत पक्तियाँ " उसने कहा था " शीर्षक कहानी से ली गई हैं। इस कहानी के लेखक चन्द्रधर शर्मा गुलेरी हैं। लहना सिंह सिक्ख राइफल्स में जमादार है। वह इंग्लैंड की ओर से जर्मनी के विरूद्ध युद्ध लड़ने गया है। लहना सिंह मोर्चे पर लड़ाई का इंतजार करते करते उकता गया है । वह चाहता है कि युद्ध शीघ्र प्रारम्भ हो । इंतजार से वह उकता गया है और इसी उकलाहट में वह ये पंक्तियाँ कहता है।

लहना सिंह चार दिनों से नहीं सोया है। वह लगातार युद्ध शुरू होने का इंतजार कर रहा है। उसका कहना है कि जिस तरह बिना दौड़े घोड़ा बिगड़ जाता है, उसी तरह लड़ाई के बिना सैनिक भी बिगड़ जाता है। इसीलिए वह चाहता है कि उसे आगे बढ़ने और जर्मनों पर हमला करने का आदेश दिया जाए। लहना सिंह इतना आत्मविश्वास से भरा है कि वह कहता है कि वह अकेले सात-सात जर्मनों को मार डालेगा।

RELATED DOUBTS

Peddia is an Online Question and Answer Website, That Helps You To Prepare India's All States Boards & Competitive Exams Like IIT-JEE, NEET, AIIMS, AIPMT, SSC, BANKING, BSEB, UP Board, RBSE, HPBOSE, MPBSE, CBSE & Other General Exams.
If You Have Any Query/Suggestion Regarding This Website or Post, Please Contact Us On : [email protected]

CATEGORIES