काव्य मीमांसा (Kavya Mimansa) के लेखक राजशेखर (Rajshekhar) थे। यह काव्यशास्त्र संबंधी एक मानक ग्रंथ है। काव्यमीमांसा अलंकार शास्त्र पर लिखा गया एक विशालकाय ग्रंथ था, जिसमें मूलत: 18 अधिकरण थे।
राज शेखर काव्यशास्त्र के पण्डित थे। इनके पूर्वज भी प्रख्यात पण्डित एवं साहित्यमनीषी रहे थे। वे गुर्जरवंशीय नरेश महेन्द्रपाल प्रथम एवं उनके बेटे महिपाल के गुरू एवं मंत्री थे।
काव्यमीमांसा में महाकवि राजशेखर द्वारा बुंदेलखंड के नर्तक, गायक, वादक, चारण, चितेरे, विट, वेश्या, इन्द्रजालिक के अतिरिक्त हाथ के तालों पर नाचने वाले, तैराक, रस्सों पर नाचने वाले, दाँतों से खेल दिखाने वाले, पहलवान, पटेबाज और मदारियों का उल्लेख किया है।