अन्य लोकतांत्रिक राज्यों (Democratic State) की तरह भारत में भी सत्ता में साझेदारी के दो कारण हैं— युक्तिपरक एवं नैतिक।
भारत (India) में विभिन्न जाति, धर्म, भाषा, संप्रदाय एवं क्षेत्र के लोग निवास करते हैं और इस आधार पर उनमें विभेद बना रहता है।
सत्ता में उचित साझेदारी इस विभेद को कम कर देती है और आपस में टकराव की संभावना कम हो जाती है।
इसी उद्देश्य से भारत में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण (Reservation) की व्यवस्था की गई है।
सत्ता में साझेदारी का नैतिक कारण भी है। शक्ति के विभाजन और जनमत पर ही लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था आधृत है।
सरकार की नीतियों और कानूनों पर जनता का मत अवश्य लिया जाता है। जनमत के विरुद्ध जाने का साहस लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में शासक को नहीं होता है।