वियतनामी (Vietnam) स्वतंत्रता संग्राम में हो ची मिन्ह (Ho Chi Minh) की अग्रणी भूमिका थी। वियतनाम की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने लंबा और कठिन संघर्ष किया।
वे मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित थे। सन् 1925 ई० में उन्होंने वियतनामी क्रांतिकारी दल', सन् 1930 ई० में वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी तथा वियेतमिन्ह की स्थापना की।
द्वितीय विश्वयुद्ध (World War-॥) में इसने फ्रांसीसियों और जापानियों, दोनों को परेशान किया। सितंबर 1945 ई० में वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की गई। इसके अध्यक्ष हो ची मिन्ह बने।
गणराज्य की स्थापना के बाद भी वियतनाम की समस्या का अंत नहीं हुआ। फ्रांस हिंदचीन पर अपना प्रभाव खोना नहीं चाहता था।
उसने फ्रांसीसी महासंघ की योजना बनाई, परंतु वियतनाम ने इसे स्वीकार नहीं किया। सन् 1946 ई० के हनोई समझौता के अनुसार, वियतनामी गणराज्य को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में फ्रांस ने मान्यता प्रदान कर दी।
इसके बावजूद फ्रांस और वियतनाम का संघर्ष नहीं रुका। जेनेवा समझौता (1954) के द्वारा शांति बहाली का प्रयास किया गया।
वियतनाम का विभाजन उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम में कर दिया गया। उत्तरी वियतनाम में हो ची मिन्ह की साम्यवादी सरकार बनी रही तथा दक्षिण में फ्रांस-समर्थित बाओदाई की सरकार।
इसके बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई। हो ची मिन्ह ने वियतनाम के एकीकरण के लिए प्रयास आरंभ कर दिया। फलतः, गृहयुद्ध आरंभ हो गया।
अमेरिका के युद्ध में प्रवेश और उसके द्वारा साम्यवादियों को कुचलने की नीति से वियतनामी युद्ध लंबा खींचा। युद्ध के दौरान ही सन् 1969 ई० में हो ची मिन्ह की मृत्यु हो गई।