अमेरिका में इंगलैंड के तेरह (13) उपनिवेश थे। 1775 में उपनिवेशों के लोगों ने इंगलैंड के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।
इतिहास में इस घटना को अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम कहकर पुकारा जाता है। इसके तीन प्रमुख कारण निम्नलिखित थे -
(i) आर्थिक शोषण : अमेरिकी उपनिवेशों को इंगलैंड की सरकार कच्चे माल की प्राप्ति के साधन और अपना तैयार माल बेचने के लिए एक मण्डी मात्र समझती थी। इंगलैंड में ऐसे कानून बनाए गए जो इंगलैंड के लिए तो लाभदायक थे, परन्तु उपनिवेशों के लिए हानिकारक । कठोर कानूनों, वाणिज्यवाद की नीति, मुक्त व्यापार की नीति, स्टाम्प एक्ट, नये कर आदि के कारण अमेरिका के लोगों में पर्याप्त असंतोष फैला हुआ था।
(ii) उपनिवेशों में राजनीतिक स्वायत्तता का अभाव : अमेरिकी उपनिवेशों में अधिकांश अंग्रेज लोग थे । वे इंगलैंड की संसदीय व्यवस्था एवं विधि-विधान से परिचित थे। अतः वे अपने उपनिवेश में उसी प्रकार की प्रजातांत्रिक व्यवस्था चाहते थे। परन्तु ब्रिटिश सरकार इसके विरुद्ध थी। उपनिवेशों के गवर्नर इंगलैंड के राजा द्वारा मनोनीत किए जाते थे। उन्हें विशेषाधिकार भी प्राप्त थे। वे उपनिवेशवासियों के प्रति उत्तरदायी नहीं थे। फलस्वरूप गवर्नर और निर्वाचित सभा के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रहती थी। उपनिवेशवासियों को शासन के योग्य नहीं माना जाता था।
(iii) वौद्धिक कारण : अमेरिकी उपनिवेशों के समाज में बुद्धिजीवियों, लेखकों एवं विचारकों का एक मजबूत मध्यम वर्ग था। उनमें लॉक, हैमिल्टन, हेनरी ली; जॉन एडम्स, टॉमसपेन, बेंजामिन, जॉन जेन, सेम्यूयल एडम्स आदि प्रमुख थे। उन्होंने इंगलैंड तथा फ्रांसीसी दार्शनिकों के विचारों एवं लेखों से प्रेरणा लेकर उपनिवेशवासियों के विद्रोह के अधिकार का समर्थन किया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों का नग्न रूप प्रस्तुत किया। उन विचारकों के प्रयत्नों से उपनिवेशवासियों में स्वतंत्रता की भावना बलवती होती गयी।