अपने धर्म को अन्य धर्मों से ऊँचा मानना और अपने धार्मिक हितों के लिए राष्ट्रहित का भी बलिदान कर देना सांप्रदायिकता (Communalism) है।
यह धर्म के नाम पर घृणा फैलाती है और मानव को मानव से घृणा करना सिखाती है। इसके चलते एक धर्म के अनुयायी दूसरे धर्म के अनुयायियों के दुश्मन हो जाते हैं।
अतः, सांप्रदायिकता एक संकीर्ण विचारधारा है जो एक विशेष समुदाय को अन्य समुदायों के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करने का निर्देश देती है।
सांप्रदायिकता (Communalism) के प्रमुख तीन तत्त्व निम्नलिखित हैं—
- एक धर्म के अनुयायियों के हित एक जैसे होते हैं।
- एक धर्म के अनुयायियों के हित दूसरे धर्म के अनुयायियों से भिन्न होते हैं।
- उनके हित एक-दूसरे से भिन्न ही नहीं, बल्कि परस्परविरोधी भी होते हैं।