महात्मा बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में पश्चात वे बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए कपिलवस्तु, राजगृह, वैशाली तथा कोशल राज्य गए। सबसे अधिक बौद्ध धर्म का प्रचार कोशल राज्य में हुआ। कोशल नरेश प्रसेनजित ने भी अपने परिवार के साथ बुद्ध की शिष्यता ग्रहण की थी। अपना प्रचार करते हुए वे मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे यहां वे चुन्द नामक वे लुहार की आम्रवाटिका में ठहरे। उसने बुद्ध को 'सूकरमद्दव' खाने ‘ को दिया, इससे उन्हें 'रक्तातिसार' हो गया और भयानक पीड़ा उत्पन्न हुई। इस वेदना के बाद भी वे कुशीनारा (कुशीनगर) (मल्ल गणराज्य की राजधानी) पहुंचे। यहीं 483 ई. पू. में 80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शरीर त्याग दिया। बौद्ध ग्रंथों में इसे दिया। उसके 'महापरिनिर्वाण' कहा जाता है। अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प (3) सही है।