जब हम हमारे मित्रों से, माता-पिता से भाई-बहन आदि से बातचीत करते हैं तो वे औपचारिक परिस्थितियाँ कहलाती हैं। आफिस, कॉलेज, बैंक, राजनीतिक दलों के बीच में धार्मिक, व्यापारिक, सामाजिक इन स्थानों में अनौपचारिक शैलियों का प्रयोग किया जाता है। बहुत सी बातचीत होती है। राजनीतिक, सामाजिक, पारिवारिक इन सभी वार्तालापों से भाषायी कौशल का विकास होता है। अतः अनौपचारिक परिस्थितियों में सीखी गई बातें भाषा शिक्षण के लिए कारगर होती हैं।