रौलेट एक्ट (Rowlatt Act) सन 1919 में भारत में लागू किया गया था ।
भारत में बढ़ रही क्रांतिकारी गतिविधियों को कुचलने के लिए सरकार ने वर्ष 1917 में न्यायाधीश सिडनी रौलेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका उद्देश्य आतंकवाद को कुचलने के लिए एक प्रभावी योजना का निर्माण करना था।
इसके सुझावों पर मार्च, 1919 में पारित विधेयक रौलेट एक्ट के नाम से जाना गया। रौलेट अधिनियम के द्वारा अंग्रेजी सरकार जिसको चाहे जब तक चाहे, बिना मुकदमा चलाए जेल में बंद रख सकती थी। इसलिए इस कानून को बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील का कानून कहा गया।