प्रसिद्ध जैन ग्रंथ 'कल्पसूत्र (Kalpasutra)' भद्रबाहु (Bhadrabahu) द्वारा लिखा गया था। भद्रबाहु के कल्पसूत्र में जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों का जीवनी है। कल्पसूत्र को जैन धर्म का विश्वकोष कहा जाता है। भद्रबाहु ने जैन धर्म के दिगम्बर सम्प्रदाय का नेतृत्व की।
स्थूलभद्र (Sthoolbhadra) जो प्रथम जैन महासभा की अध्यक्षता की। इन्हीं के नेतृत्व में श्वेताम्बर सम्प्रदाय चलाया गया।
जैन विद्वान हेमचन्द्र ने‘कुमारपाल चरित' नामक पुस्तक की रचना की।
अपराजिता-पल्लव वंश के महानतम शासक थे।