14वीं शताब्दी के दौरान भारत में किसने सोने व चांदी की नियमित मुद्राओं के स्थान पर सस्ती धातुओं से निर्मित सांकेतिक मुद्रा का उपयोग शुरू किया था?
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14वीं शताब्दी के दौरान भारत में किसने सोने व चांदी की नियमित मुद्राओं के स्थान पर सस्ती धातुओं से निर्मित सांकेतिक मुद्रा का उपयोग शुरू किया था?  14vin Shatabdi Ke Dauran Bharat Mein Kisne Sone V Chandi Ki Niyamit Mudraon Ke Sthan Per Sasti Dhaatuon Se Nirmit Sanketik Mudra Ka Upyog Shuru Kiya Tha?

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चौदहवीं शताब्दी के दौरान भारत में मुहम्मद-बिन-तुगलक (Muhammad-Bin-Tuglaq) सोने और चाँदी की नियमित मुद्राओं के स्थान पर सस्ती धातुओं से निर्मित सांकेतिक मुद्रा का उपयोग शुरू किया था।

मुहम्मद-बिन-तुगलक ने चाँदी धातु के स्थान पर ताँबे का सिक्का चलाया, जबकि मुद्रा का मूल्य चाँदी सिक्के के बराबर रखा गया। 

  • मुहम्मद-बिन-तुगलक अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरि स्थानांतरण किया था।
  • तुगलक वंश के शासकों में सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक मुहम्मद-बिन- तुगलक था।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने धार्मिक एवं न्यायिक मामलों से उलेमा का वर्चस्व का उपेक्षा की।
  • फिरोजशाह तुगलक पहला सुल्तान था, जिसने हिन्दू धर्मग्रंथों का संस्कृत से फारसी में अनुवाद कराने के लिए कदम उठाए।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने भू-राजस्व की दर को बढ़ाकर उपज का 1/2 भाग कर दिया।
  • घोड़ा दागने एवं सैनिकों का हुलिया लिखने की प्रथा की शुरुआत अलाउद्दीन खिलजी ने की। इन्होंने लूट का धन (खम्स) में सुल्तान का हिस्सा 1/5 भाग के स्थान पर 4/5 भाग लिया।

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