प्रदूषण (Pollution) : पर्यावरण में जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों के लिए हानिकारक परिवर्तन को प्रदूषण कहते हैं।
पर्यावरण के विभिन्न अवयवों की एक निश्चित संरचना होती है। इन अवयवों में जब दूसरे प्रकार के पदार्थ मिल जाते हैं तथा उनकी मौलिक संरचना में हानिकारक परिवर्तन आ जाता है, इस परिवर्तन का नाम ही प्रदूषण है।
पर्यावरण का अधिकतर प्रदूषण मानवीय क्रियाओं द्वारा होता है, लेकिन कुछ प्राकृतिक क्रियाओं द्वारा भी होता है।
प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है, जिनके नाम निम्नलिखित हैं—
- वायु प्रदूषण
- भूमि प्रदूषण और
- जल प्रदूषण
प्रदूषक (Pollutants) : पर्यावरण में विद्यमान प्राकृतिक संतुलन में ह्रास और प्रदूषण उत्पन्न करने वाली ऊर्जा या पदार्थ के किसी भी रूप को प्रदूषक कहा जाता है।
ये गैस, तरल या ठोस किसी भी रूप में हो सकते हैं। प्रदूषक विभिन्न माध्यमों द्वारा विकीर्ण तथा परिवाहित होते हैं।
कारखानों का धुआँ, कूड़ा-कचरा, रसायनों वाला अपशिष्ट जल, मलजल, कृषि में प्रयुक्त कीटनाशक तथा उर्वरक, वाहनों का धुआँ इत्यादि मानवीय प्रदूषक है।
ज्वालामुखी से उत्पन्न लावा, कीचड़ तथा अन्य पदार्थ, बाढ़ जल के साथ बहकर आए गाद, रेत आदि प्राकृतिक प्रदूषक है।