इतिहास लेखन में साहित्यिक स्रोतों का क्या महत्त्व है? Itihas Lekhan Mein Sahityik Stroton Ka Kya Mahatva Hai?
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इतिहास लेखन में साहित्यिक स्रोतों का क्या महत्त्व है? Itihas Lekhan Mein Sahityik Stroton Ka Kya Mahatva Hai?

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इतिहास लेखन (History writing) में साहित्यिक स्रोतों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। हमारा साहित्य दो प्रकार का है, जो इस प्रकार है—

  • धार्मिक साहित्य
  • लौकिक साहित्य

धार्मिक साहित्य में ब्राह्मण तथा ब्राह्मणेतर ग्रन्थों की चर्चा की जा सकती है।

ब्राह्मण ग्रन्थों में वेद, उपनिषद्, रामायण, महाभारत, पुराण तथा स्मृति ग्रन्थ आते हैं।

जबकि ब्राह्मणेत्तर ग्रन्थों में बौद्ध तथा जैन साहित्यों से संबंधित रचनाओं का उल्लेख किया जा सकता है।

मौर्यकालीन भारत की राजनीतिक व प्रशासनिक अवस्था की जानकारी कौटिल्य के अर्थशास्त्र, मेगास्थनीज की इंडिका से हो पाती है।

सबसे महत्त्वपूर्ण बात है कि सही इतिहास लेखन तभी संभव है जब हम पुरातात्विक स्रोतों के साथ ही साहित्यिक स्रोतों का भी तुलनात्मक अध्ययन करेंगे।

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