वायुमंडल में अवांछित एवं हानिकारक पदार्थों के जमा होने से। वायुमंडल की गुणवत्ता में होनेवाली कमी को वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण के मुख्य चार स्रोत निम्नलिखित हैं -
(1) उद्योगों से निकलनेवाली गैस/धुआँ या अन्य बड़े-बड़े उद्योगों में कल-कारखानों के चलने से धुआँ उत्सर्जित होता है, साथ-ही-साथ कणीय पदार्थ भी निकलते हैं, जो वायु की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
(2) वाहनों की संख्या में वृद्धि - आज न केवल नगरों में, बल्कि गाँवों में भी डीजल/पेट्रोलचालित वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे वायु प्रदूषित हो रही है।
(3) वायुमंडल में तैरते धूलकण – वाहनों के चलने से या लोगों के पैर से उड़नेवाले धूल-कण के कारण भी वायु प्रदूषित हो रही है।
(4) तीव्र गति से चालित वाहनों द्वारा मृदा का अपरदन - तीव्र गति से चालित वाहनों द्वारा मृदा का अपरदन होता है और साथ ही वायु प्रदूषित होता है। वृक्षों के कट जाने से भी यह क्रिया तीव्र हो गई है।